डेंगू एक बहोत ही गंभीर वायरल बीमारी है जो हर साल भारत में बड़ी संख्या में लोगों को प्रभावित करती है। जब भी लोगो में डेंगू फैलता है तो इंसान इस खतरनाक बीमारी से बचने के लिए घरेलू इलाज ढूंढने लगता हैं। डेंगू में पपीते की पत्तियों के फायदे को लेकर सोशल मीडिया पर कई दावे किए गए, लेकिन इन दावों का कोई चिकित्सीय आधार है या नहीं, आइए विस्तार से जानें कि पपीते की पत्तियां डेंगू के इलाज में कितनी कारगर है
प्लेटलेट्स कैसे बढ़ते हैं, पपीते के जूस से
पपीते में पाए जाने वाले कुछ रासायनिक यौगिक और विटामिन प्लेटलेट्स की विस्तृत विविधता को बढ़ाने में सहायता कर सकते हैं। पपीते में कारपेंटाइन, न्यूट्रिशन सी, फाइबर, फोलेट और न्यूट्रिशन ए जैसे तत्व पाए जाते हैं जो प्लेटलेट्स के निर्माण और गठन में महत्वपूर्ण भूमिका निभाते हैं। कार्पेन प्लेटलेट निर्माण को बढ़ावा देता है।
प्लेटलेट्स के निर्माण में विटामिन सी और फाइबर भी उपयोगी होते हैं। विटामिन ए प्लेटलेट्स के निर्माण में महत्वपूर्ण कार्य करता है। फोलेट रक्त के गतिशील गठन के लिए महत्वपूर्ण है। तो पपीते के इन पोषक तत्वों की वजह से प्लेटलेट मेमोरी बढ़ती है लेकिन डेंगू के इलाज के लिए डॉक्टर से सलाह लेना बहुत जरूरी है।
जानिए क्लिनिकल दावे
नेशनल सेंटर फॉर बायोटेक्नोलॉजी इंफॉर्मेशन (एनसीबीआई) में पोस्ट की गई एक रिपोर्ट के अनुसार, एक हालिया अध्ययन में पाया गया है कि पपीते के पत्तों का उपयोग डेंगू बुखार को रोकने में सहायक हो सकता है। शोधकर्ताओं ने यह अध्ययन मुख्य रूप से 45 वर्षीय एक मरीज पर आधारित किया, जिसे डेंगू मच्छर ने काट लिया था।
रोगी को पांच दिनों तक प्रतिदिन सुबह और रात में पपीते के पत्तों का रस दिया गया। उपचार से पहले रोगी के रक्त परीक्षण में प्लेटलेट्स, श्वेत रक्त कोशिकाओं और न्यूट्रोफिल की कम संख्या पाई गई। लेकिन 5 दिनों तक पपीते का जूस देने के बाद प्रभावित व्यक्ति की प्लेटलेट्स बढ़ गईं। शोधकर्ताओं का कहना है कि पपीते की पत्तियां डेंगू पर असरदार साबित हुई हैं। इसका उपयोग वायरल रोगों के उपचार में भी किया जा सकता है।